"Advertisement"

Essay On Dr Bhimrao Ambedkar in Hindi In 500+ Words

"Advertisement"

Essay On Dr Bhimrao Ambedkar in Hindi In 500+ Words

हेलो फ्रेंड, इस पोस्ट “Essay On Dr Bhimrao Ambedkar in Hindi In 500+ Words” में, हम Dr. Bhimrao Ambedkar के बारे में निबंध के रूप में विस्तार से पढ़ेंगे। तो…

चलिए शुरू करते हैं…

Essay On Dr Bhimrao Ambedkar in Hindi In 500+ Words

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल सन 1891 ई में मध्य प्रदेश के मऊ नामक गांव में हुआ था जो कि आज डॉक्टर अंबेडकर नगर के नाम से जाना जाता है.

वह महार जाति के थे, इनके पिता जी “रामजी राव सकपाल” थे और उनके पिता सेना में सूबेदार थे. नियमित रूप से सपरिवार पूजा पाठ करना उनकी विशेष धार्मिक प्रवृति थी। इसी प्रकार इनकी माताजी भीमाबाई भी थी.

छुआछूत, घृणा और हीन मानसिकता की वजह से डॉक्टर भी अछूत वर्ग के लोगों को बिना छुए दूर से ही इलाज किया करते थे जिसके कारण अंबेडकर जी के 14 भाई बहनों में से केवल तीन भाई और दो बहन ही बचे थे बाकी सबकी शोषण के कारण मृत्यु हो गई थी.

Must Read  जीवन में वृक्षों का महत्व पर निबंध हिंदी में | Jeevan Mein Vrikshon ka Mahatav Pr Nibandh

छुआछूत की वजह से स्कूल के दौरान अंबेडकर जी को काफी भेदभाव का सामना करना पड़ता था.

एवं सभी दलित वर्गों को अलग से क्लास से बाहर बैठाया जाता था और उन्हें ब्लैक बोर्ड तक भी जाने का अधिकार नहीं हुआ करता था.

दलित वर्गों को सार्वजनिक स्थलों पर से पानी पीने का अधिकार भी प्राप्त नहीं था इससे सभी दलित वर्गों का जीवन यापन करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था.

भीमराव अंबेडकर को बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है. वह भारतीय अर्थशास्त्री, न्यायवादी, राजनेता, लेखक, दार्शनिक और समाज सुधारक थे.

Also Read:

Essay On Life Story Of Guru Tegh Bahadur Ji 

Essay On Freedom Struggle Of India

राष्ट्रपिता के रूप में अपने पूरे जीवन में सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए लड़े. बाबा साहब ने अपने समाज को हक दिलाने के उद्देश्य से कई किताबें लिखी.

Must Read  Essay on Art, Culture, Festival, and Rituals of Partnering State | Essay on Culture of Sikkim

उन्होंने अपने जीवन काल इतिहास में कई पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का संपादन किया. जिनमें कुछ का नाम:- भारत का राष्ट्रीय अंश, भारत में जातियां और उनका मशीनीकरण, मूलनायक, जनता (साप्ताहिक) इत्यादि है.

अंबेडकर अपने शोषित समाज को उनका हक दिलाना चाहते थे. इस दिशा में उन्होंने 1927 में बहिष्कृत भारत नाम से एक पत्रिका का संपादन शुरू किया जिसके द्वारा दलितों के शोषण तथा उनके उद्धार करने के लिए समाज को जागृत करने का प्रयास किया.
1930 में 30,000 दलितों के साथ उन्होंने काला मंदिर में दलितों के प्रवेश पर रोक के विरुद्ध सत्याग्रह किया.
जब 15 अगस्त सन 1947 को भारत को आजादी प्राप्त हुई तो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पहले मंत्रिमंडल में कानून मंत्री बनाए गए थे तथा संविधान सभा के गठन के बाद अंबेडकर जी को संविधान प्रारूप समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया था.

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को भारत के संविधान का निर्माता पिता आज भी कहा जाता है क्योंकि इन्होंने संविधान निर्माण में एक अहम भूमिका निभाई थी.

Must Read  Paragraph On Gallantry Award Winner In 500+ Words {Step by Step Guide}

14 अक्टूबर 1956 के दशहरे के दिन उन्होंने नागपुर में एक बड़े कार्यक्रम में 2 लाख लोगों के साथ हिंदू धर्म से बौद्ध धर्म को अपना लिया.

वे एक महान विधिवेत्ता, समाज सुधारक, शिक्षाविद और राजनेता थे. उन्होंने आजीवन अछूत वर्ग के हितों की लड़ाई लड़ी. 6 दिसंबर 1956 को दलितों के भगवान बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की मृत्यु हो गई.

इस पोस्ट “Essay On Dr Bhimrao Ambedkar in Hindi” में, को पढ़ने के लिए आप सब लोग को दिल से धन्यवाद.

Finally, Thanks For Reading “Essay On Dr Bhimrao Ambedkar in Hindi“.

Also Read:

Essay On Mahatma Gandhi In Hindi In 1000+ Words

शहीद भगत सिंह पर निबंध हिंदी में 500+ शब्दों में

"Advertisement"

Leave a Comment