गांधी दर्शन एवं नई पीढ़ी पर निबंध हिंदी में 1000+ शब्दों में

गांधी दर्शन एवं नई पीढ़ी पर निबंध हिंदी में 1000+ शब्दों में

हेलो फ्रेंड्स, इस पोस्ट “गांधी दर्शन एवं नई पीढ़ी पर निबंध हिंदी में“, हम निबंध के रूप में गांधी दर्शन एवं नई पीढ़ी के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे। तो
 चलो शुरू करते हैं…

गांधी दर्शन एवं नई पीढ़ी पर निबंध हिंदी में 1000+ शब्दों में

हमारा देश महान स्त्रियों और पुरुषों का देश है. यहां ऐसे महान व्यक्तियों का जन्म हुआ जिससे भारत की धरती गंगा जैसी पवित्र हो गई. ऐसे ही महापुरुषों में से एक महात्मा गांधी भी हैं. महात्मा गांधी केवल भारत के ही नहीं अपितु विश्व के सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक है.

भारत को आजादी मिलने के बाद जब पूरा भारत देश जश्न मना रहा था तब गांधीजी सांप्रदायिक दंगों को रोकने हेतु आमरण अनशन कर रहे थे. वह चाहते थे कि देश का प्रत्येक नागरिक समान रूप से आजादी और समृद्धि को प्राप्त करें.

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महात्मा गांधी अपने देश की जरूरतों का ध्यान उसी प्रकार रखते थे जिस प्रकार एक पिता अपने बच्चों का ध्यान रखता है. उनका यह व्यवहार देखकर उन्हें राष्ट्रपिता के नाम से जाना जाने लगा.

गांधी दर्शन:-

मानव अधिकार एवं कर्तव्य समाज में उसकी गरिमा और प्रतिष्ठा के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं. गांधीजी के बिना मानव अधिकार की संकल्पना अधूरी रह जाती है क्योंकि मानव अधिकारों की सांस्कृतिक और वैचारिक पृष्ठभूमि गांधी की दृष्टि और उनके दर्शन पर आधारित है.

गांधी दर्शन की चार आधारभूत सिद्धांत हैं सत्य, अहिंसा, प्रेम एवं सद्भावना. गांधीजी बचपन से ही सत्यवादी और स्वावलंबी व्यक्ति बने. वह एक महान शिक्षाविद थे, उनका मानना था कि किसी देश की सामाजिक, नैतिक और आर्थिक प्रगति अंततः शिक्षा पर ही आधारित होती है.

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गांधी दर्शन का नई पीढ़ी पर प्रभाव:-

नए भारत अर्थात नई पीढ़ी आज विकास के पथ पर निरंतर बढ़ती जा रही है जिसकी मूलभूत नींव महात्मा गांधी जी के द्वारा ही रखा गया था. वर्तमान समय में गांधीजी नई पीढ़ी के प्रेरणा स्रोत व आदर्श हैं उनकी राह व दर्शन हमें मानवता, दृढ़ मनोबल और शांति का पाठ सिखाते हैं.

उनका जीवन एक नदी की भांति है जो कि विभिन्न दर्शन रूपी शाखाओं में बहता है व नई पीढ़ी इन दर्शन को अपनाकर विश्व में अपनी अनूठी पहचान बना सकती है. वर्तमान समय में कई बुराइयां नई पीढ़ी के सम्मुख विद्यमान हैं जो कि उन्हें अंधकार रूपी गर्त में ले कर जा रही हैं. ऐसे में आवश्यक है कि गांधी दर्शन को अपनाकर विभिन्न बुराइयों को जड़ से मिटाया जाए और भारत फिर से महान पुरुषों की धारा से सुसज्जित हो उठे.

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निष्कर्ष:-

किसी भी देश का भविष्य आने वाली पीढ़ी पर ही निर्भर करता है सामाजिक परिवर्तन एवं राष्ट्र निर्माता कहे जाते हैं. आज आवश्यक है कि हर पीढ़ी गांधी दर्शन को अपनाएं क्योंकि हम खेत में जैसा बीज बोते हैं हमें बदले में वैसा ही फल मिलता है. आने वाली नवीन पीढ़ी गांधीजी के आदर्शों पर चल भारत को फिर से स्वर्णिम उजाले की ओर उन्मुख करें.

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